आदिशक्ति जगत जननी का इस धरा पर जीवित स्वरूप हैं! आदिशक्ति जगत जननी का इस धरा पर जीवित स्वरूप हैं!
मैं अवरिल हूँ, सुंदर हूँ, मैं ही तो सीता राम की और कृष्ण की राधा भी हूँ। मैं अवरिल हूँ, सुंदर हूँ, मैं ही तो सीता राम की और कृष्ण की राधा भी हूँ।
प्रेम सुधा बरसे और मन में रहे सिर्फ प्यार। प्रेम सुधा बरसे और मन में रहे सिर्फ प्यार।
मां ही अंबा, मां ही दुर्गा, मां भवानी वसुंधरा है। मां ही अंबा, मां ही दुर्गा, मां भवानी वसुंधरा है।
एक अपरिभाषित शब्द है मां सिर्फ मां होती है। एक अपरिभाषित शब्द है मां सिर्फ मां होती है।
अंत नहीं जिसका ऐसा यह शब्द है, देवता जिनकी शक्ति से स्तब्ध है। अंत नहीं जिसका ऐसा यह शब्द है, देवता जिनकी शक्ति से स्तब्ध है।